नई दिल्ली : [टाईम फॉर न्यूज़ – सहायक संपादक गौरव तिवारी ] मंडलीय शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान पीतमपुरा एवं भागीदारी जन सहयोग समिति ( पंजीकृत ) के संयुक्त तत्वावधान में दिल्ली राज्य विधिक सेवाएं प्राधिकरण की सहभागिता से कानूनी जन जागरूकता कार्यक्रम के अंतर्गत ” बाल शोषण अधिनियम , अधिनियम -क्रियान्वन एवं जन जागरूकता ” विषय पर आयोजित वेबिनार में बोलते हुए अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश नम्रता अग्रवाल अतिरिक्त सचिव दिल्ली राज्य विधिक सेवाएं प्राधिकरण ने बाल शोषण से संबंधित अधिनियम एवं उसके क्रियान्वन पर विस्तृत प्रकाश डाला । उन्होंने कहा कि घरेलू हिंसा की घटनाओं में पिता द्वारा माँ के साथ मारपीट से भी बच्चों का मानसिक शोषण होता है उस समय वह डर के वातावरण होता है I बच्चों का अपने अधिकारों से वंचित रहने का अधिकांश कारण अभिभावकों की अशिक्षा भी है I बाल शोषण को परिभाषित करते है कहा कि कोई ऐसी काम अथवा लाहपरवाही जिससे बच्चे को जीवन के प्रति खतरा , मानसिक या शारीरिक चोट मुख्यतः बाल शोषण में आती है I उन्होंने कहा कि यह बड़े दुःख एवं शर्म की बात है कि बच्चे अधिकतर यौन शोषण के शिकार अपने रिश्तेदार , अपने परिचित यहाँ तक कि अपने ही परिवार के सदस्य से होते है I ऐसे में मामले की जाँच का काम चुनौतीपूर्ण है I यही नहीं अपितु लोक – लाज का बहाना बना कर ऐसे मामलों को परिवार द्वारा दबा दिया जाता हैI एक प्रश्न का उत्तर देते हुए न्यायाधीश नम्रता अग्रवाल ने कहा कि यौन शोषण के मामले मे घटना को जानते हुए भी छिपाने वाले व्यक्ति पर भी क़ानूनी कार्रवाही का प्रावधान है I उन्होंने क़ानूनी जागरूकता के प्रति दिल्ली राज्य विधिक सेवाएं प्राधिकरण की कटिबद्धता को दोहराते हुए बच्चों को शोषण से बचना , ईश्वर की सच्ची पूजा बताया ।
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शिक्षक -प्रशिक्षणार्थी वर्ग एवं संकाय – सदस्यों को सम्बोधित करते हुए भागीदारी जन सहयोग समिति के महासचिव विजय गौड़ ने कहा के यदि विद्यालय में हर शिक्षक -शिक्षिका बच्चों कि गतिविधियों , उनके हाव-भाव पर एवं उनसे मिलने वालों पर नज़र रखे तो बच्चों को शोषण से बचाया जा सकता है बच्चों को यौन शोषण से बचाना समाज चुनोतीपूर्ण कार्य है किन्तु असंभव नहीं , इस बात पर प्राधिकरण के विशेष सचिव गौतम मनन अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश की पंक्तिया “माना अँधेरा घना है , पर दीपक जलाना कहा मना है ” का उल्लेख करते हुए सभी प्रतिभागिओं को जन जागरूकता अभियान से जुड़ कर दस – दस व्यक्तियों को जागरूक करने की अपील की ताकि एक- एक कड़ी मिलकर एक बड़ी श्रखला बन सके ।
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इस अवसर पर संस्थान संकाय – सदस्य मुकेश अग्रवाल , चारु वर्मा , मृदुला भारद्वाज, दीपा , लवी अग्रवाल , शीनम बत्रा ,तन्वी कोहली , आशीष अरोड़ा, योगेश शर्मा,अंजू शर्मा , प्रगति श्रीवास्तव , डॉक्टर सुमन , डॉक्टर हीरालाल खत्री , अनामिका रोहिला सहित दिल्ली के विभिन्न संस्थानों के प्रवक्ता -गण ने भाग लेकर बाल यौन शोषण से रोकथाम अभियान के प्रति अपनी आस्था का परिचय दिया कार्यक्रम का कुशल संचालन संस्थान प्रधानाचार्य डॉक्टर राम किशन ने किया एवं आगामी दिनों में ऐसी जन जागरूकता गोष्ठियां आयोजित करने की घोषणा की ।
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