नई दिल्ली : [टाईम फॉर न्यूज़ – सहायक संपादक गौरव तिवारी ] शाहदरा विधिक सेवाएं प्राधिकरण एवं भागीदारी जन सहयोग समिति के संयुक्त तत्वाधान एवं दिल्ली विश्वविदयालय एवं गुरु गोबिंद सिंह इंद्रप्रस्थ विश्वविदयालय की राष्ट्रीय सेवा योजना की सहभागिता में बाल श्रम निषेध दिवस पर बाल अधिकार अधिनियम , क्रियान्वन एवं जन जागरूकता विषय पर ऑनलाइन लाइव वेबिनार किया गया इस अवसर पर बोलते हुए राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग की सदस्या सुश्री प्रज्ञा परांडे ने बाल मजदूरी की रोकथाम के प्रति आयोग की कटिबध्यता दोहराते हुए कहा कि के कहा कि यदि अधिनियमों का सही ढंग से क्रियान्वन से बाल मजदूरी को पूरी तरह समाप्त करने का सपना साकार कर सकते है अभिभावकों के गैर जिम्मेदारी से बच्चों को पैसे के लालच में उनका बचपन छीन कर बाल मजदूरी के लिए दबाव डालना अमानवीय है उन्होंने ऐसे मामलों में अनुरोध किया कि हर नागरिक को संबंधित एजेंसी को शिकायत कर अपनी नागरिकता का परिचय देना चाहिए न्यायाधीश विधि गुप्ता आनंद सचिव जिला प्राधिकरण ने बाल अधिकार अधिनियमन कि विस्तृत चर्चा करते हुए कहा कि संविधान में बच्चों के चहुमुखी विकास का उल्लेख है तथा १४ वर्ष तक के बच्चों की अनिवार्य शिक्षा का दायित्व अभिभावको का है बाल मजदूरी इस ज्वलंत समस्या का देश में बढ़ती हुई जनसंख्या , बेरोजगारी एवं गरीबी से परस्पर सम्बन्ध बताते हुए न्यायाधीश विधि गुप्ता ने बाल मजदूरी रोकथाम में जन जागरूकता की महत्वपूर्ण भूमिका बताई ।
इसे भी पढ़ें : बच्चों के अधिकारों को सुरक्षा प्रदान करना समाज का नैतिक कर्तव्य है: न्यायाधीश मनु गोयल खर्ब
दिल्ली बाल अधिकार संरक्षण आयोग के सदस्य रूप सुदेश विमल ने बाल अधिकार अधिनियम के क्रियान्वन में आयोग की भूमिका पर प्रकाश डालते हुए बताया कि किस तरह श्रम विभाग , दिल्ली पुलिस , जिला पुलिस एवं आयोग के परस्पर तालमेल से बाल मजदूरी के काम में लगे बंधक बच्चों को छुड़ाया जाता है कोरोना महामारी में बढ़ती बाल मजदूरी पर अविलम्ब कार्रवाही का विश्वास दिलाते हुए कहा कि ऐसे मामलों को नजरअंदाज नहीं किया जायेगा ।
दिल्ली सरकार के अतिरिक्त आयुक्त ( श्रम ) डॉक्टर राजेंदर धर ने बताया के पिछले 2009 से 2019 तक दिल्ली सरकार के श्रम विभाग ने बाल मजदूरी में बंधक 10 ,000 बच्चों को छुड़वाया किन्तु समस्या यह है कि नियोक्ता जो बच्चो को काम पर रखता है उसपर तो कानूनी कार्रवाही हो जाती है किंतु अधिकाँश अवसरों पर ऐसे काम में जुड़े दलाल जो बच्चों के अभिभावकों को पैसे का लालच देकर आगे मासूम बच्चों को बाल मजदूरी में धकेलते है वो बच जाते है ।
इसे भी पढ़ें : साइबर अपराध महिला की निजता के अधिकार का हनन है : न्यायाधीश नमृता अग्रवाल
यही नहीं बल्कि जब बच्चे को बाल मजदूरी से नियोक्ता के कार्यस्थल से पकड़ कर अभिभावको को सौंपा जाता है तो बच्चे के पुनर्वास के लिए जो राशि की जाती है वह राशि भी अभिभावकों के लिए पैसे का एक माध्यम लालच का रूप ले लेता है जहा अभिभावक दोबारा भी बच्चे पर बाल मजदूरी का दबाव डालते है डॉक्टर धर ने कहा कि इस बात को ध्यान में रखकर रोकथाम के लिए नीति बनाने के आवश्यकता है डॉ० धर अपने लम्बे सेवाकाल के अनुभव को साझा किया तथा बाल मजदूर रोकथाम पर सुझाव देते हुए कहा कि जनजागरूकता अभियान जन जन तक पहुंचे विशेष रूप से अभिभावकों तक , रजिस्टर्ड केस को कोर्ट तक पहुंचने के लिए प्रवर्त्तन अधिकारिओं को विशेष प्रशिक्षण दिया जाये, राज्य ऐसे अपराधी जो दलाल बनकर बच्चों को बाल मजदूरी के लिए नियोक्ता एवं अभिभावको को आकर्षित करते है उनकी पहचान की जाये और उनके खिलाफ कार्रवाही हो , बच्चों को पुनर्वास के पैसे समय पर मिले ।
इसे भी पढ़ें : समाज को स्वस्थ वातावरण देना प्रत्येक सरकार का नैतिक कर्तव्य : न्यायाधीश विधि गुप्ता आनंद
भागीदारी जन सहयोग समिति के महासचिव विजय गौड़ ने देश में बाल मजदूरी को समाज पर एक कलंक बताते हुए कहा कि बाल मजदूरी करवाने वालो का सामाजिक बहिष्कार किया जाये
उन्होंने कहा कि बाल मजदूरी की समस्या बच्चों को उनके मौलिक अधिकारों से वंचित करती है जोकि संविधान के विरुध्द है और मानवाधिकार का सबसे बड़ा उल्लंघन है।
यह भी पढ़ें : जानिए कैसा रहेगा आज आपका दिन, पढ़िए 13 जून का राशिफल
———————————————————————————————————–
टाईम फॉर न्यूज़ देश की प्रतिष्ठित और भरोसेमंद न्यूज़ पोर्टल timefornews.in की हिंदी वेबसाइट है। टाईम फॉर न्यूज़.इन में हम आपकी राय और सुझावों की कद्र करते हैं। आप अपनी राय, सुझाव और ख़बरें हमें [email protected] पर भेज सकते हैं या 9811645848 पर संपर्क कर सकते हैं। आप हमें हमारे फेसबुक पेज पर भी फॉलो कर सकते हैं।
टाईम फॉर न्यूज़ की नवीनतम खबरें अब आपको हमारे नए वॉट्सऐप नंबर (9811645848) से मिलेंगी। हमारी इस सेवा को सुचारु रूप से जारी रखने के लिए इस नंबर को आप अपनी कांटेक्ट लिस्ट में सेव करें।
TIME FOR NEWS पर सबसे पहले Hindi News पढ़ने के लिए हमें यूट्यूब, फेसबुक और ट्विटर पर फॉलो करें. देखिए देश से जुड़ी लेटेस्ट खबरें.