नई दिल्ली : उपभोक्ता संरक्षण कानून 2019 सोमवार को प्रभावी हो गया। सरकार ने इसे लागू करने के लिए नियमों को अधिसूचित कर दिया है। सरकार ने अधिनियम के तहत, केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण (सीसीपीए), केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण परिषद, उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग, मध्यस्थता, उत्पाद दायित्व और भ्रामक विज्ञापनों सहित अन्य विषयों के लिए नियमों को अधिसूचित किया है। संसद ने पिछले साल, वर्ष 1986 के कानून की जगह उपभोक्ता संरक्षण विधेयक 2019 को मंजूरी दी थी। कानून, प्रशासन की प्रक्रिया को दुरुस्त करने और उपभोक्ता विवादों को निपटाने के लिए सख्त दंड के साथ, उपभोक्ताओं के विवादों के निपटान की कोशिश करता है।
इसे भी पढ़ें : भारत का पहला स्वदेशी सोशल मीडिया एप ‘Elyments’ किया लॉन्च
कंपनियों द्वारा मिलावट और भ्रामक विज्ञापनों के लिए जेल अवधि सहित सख्त दंड के प्रावधान किये गये हैं। केंद्रीय मंत्री रामविलास ने कहा, ‘‘पहले का कानून उपभोक्ताओं को न्याय दिलाने के लिहाज से समय खपाऊ था। खरीदारों को न केवल पारंपरिक विक्रेताओं से बल्कि नए ई-कॉमर्स खुदरा विक्रेताओं या मंचों से भी सुरक्षा प्रदान करने के लिए कई संशोधनों के बाद नया कानून लाया गया है।’’ उपभोक्ता ममालों के मंत्री ने कहा कि नए कानून के कार्यान्वयन के लिए नियमों को अधिसूचित किया गया है। हालांकि, ई-कॉमर्स और सीसीपीए के नियमों को सप्ताहांत तक अधिसूचित किया जाएगा तथा प्रत्यक्ष बिक्री संबंधी कानून में कुछ और समय लगेगा।
इसे भी पढ़ें : बिज़नेस के लिए मोदी सरकार बिना गारंटी दे रही है 50000 का लोन, ब्याज में 2 प्रतिशत की सब्सिडी
नये कानून को ‘क्रातिकारी’ बताते हुए रामविलास पासवान ने कहा कि इसमें सीसीपीए की स्थापना की व्यवस्था की गई है जो उपभोक्ता अधिकारों, अनुचित व्यापार प्रथाओं और भ्रामक विज्ञापनों से संबंधित मामलों में पूछताछ और जांच करेगा। उन्होंने कहा कि ई-कॉमर्स नियमों के तहत, ई-टेलर्स के लिए मूल्य, समाप्ति तिथि, रिटर्न, रिफंड, एक्सचेंज, वारंटी और गारंटी, वितरण और शिपमेंट, भुगतान के तरीके, शिकायत निवारण तंत्र, भुगतान के तरीकों के बारे में विवरण प्रदर्शित करना अनिवार्य कर दिया गया है। भुगतान के तरीकों, चार्ज-बैक विकल्पों आदि को भी छापना होगा। ऐसे ई-कॉमर्स कंपनियों को, ग्राहकों को सामान की खरीद करने से पहले पूरी सूचनाओं के आधार पर सोच समझकर निर्णय लेने में सक्षम बनाने के लिए, सामान के मूल उद्गम देश इत्यादि का विवरण भी देना होगा।
इसे भी पढ़ें : MSME सेक्टर को मिली बड़ी राहत, सरकारी बैंकों ने बांटे हजारों करोड़ रुपये के लोन
उपभोक्ता विवाद निरोध के नियमों के तहत, पासवान ने कहा कि नया कानून उपभोक्ताओं को इलेक्ट्रॉनिक रूप से शिकायतें दर्ज करने और उपभोक्ता आयोगों में शिकायतें दर्ज करने में सक्षम बनाता है। उन्होंने कहा कि उपभोक्ता आयोगों में स्थगन प्रक्रिया को सरल बनाया गया है और राज्य और जिला आयोगों को अपने आदेशों की समीक्षा करने का भी अधिकार है। वैकल्पिक विवाद समाधान तंत्र के बारे में, पासवान ने कहा कि कानून मध्यस्थता के लिए प्रावधान किया गया है। उन्होंने कहा कि मध्यस्थता के माध्यम से हुए निपटान के खिलाफ कोई अपील नहीं की जा सकेगी। उन्होंने कहा कि मौजूदा कानून, उपभोक्ता मुद्दों पर एक सलाहकार निकाय के रूप में केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण परिषद की स्थापना की भी व्यवस्था देता है। इसकी अध्यक्षता केंद्रीय उपभोक्ता मामलों के मंत्री करेंगे और इसके उपाध्यक्ष के केंद्रीय उपभोक्ता मामलों के राज्य मंत्री तथा विभिन्न क्षेत्रों के 34 अन्य व्यक्ति इसके सदस्य होंगे। इस परिषद का कार्यकाल तीन साल का होगा।
इसे भी पढ़ें : चीनी निवेश की वजह से Paytm का भी हो सकता है बहिष्कार, Mobikwik के समर्थन में आए लोग
स्टूडेंट्स टाईम फॉर न्यूज़ पर सबसे पहले नतीजे चेक कर सकते हैं। दिए टाईम फॉर न्यूज़ लिंक पर क्लिक करें और मध्य प्रदेश बोर्ड 10वीं का रिजल्ट 2020 चेक करें।
———————————————————————————————————–
टाईम फॉर न्यूज़ देश की प्रतिष्ठित और भरोसेमंद न्यूज़ पोर्टल timefornews.in की हिंदी वेबसाइट है। टाईम फॉर न्यूज़.इन में हम आपकी राय और सुझावों की कद्र करते हैं। आप अपनी राय, सुझाव और ख़बरें हमें [email protected] पर भेज सकते हैं या 9811645848 पर संपर्क कर सकते हैं। आप हमें हमारे फेसबुक पेज पर भी फॉलो कर सकते हैं।
टाईम फॉर न्यूज़ की नवीनतम खबरें अब आपको हमारे नए वॉट्सऐप नंबर (9811645848) से मिलेंगी। हमारी इस सेवा को सुचारु रूप से जारी रखने के लिए इस नंबर को आप अपनी कांटेक्ट लिस्ट में सेव करें।
TIME FOR NEWS पर सबसे पहले Hindi News पढ़ने के लिए हमें यूट्यूब, फेसबुक और ट्विटर पर फॉलो करें. देखिए देश से जुड़ी लेटेस्ट खबरें.