नई दिल्ली : कोविड-19 की महामारी और देशव्यापी लॉकडाउन के बीच सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों (पीएसबी) ने लघु और मझोले उद्योगों (एमएसएमई), कृषि और खुदरा सहित विभिन्न क्षेत्रों को एक मार्च से 15 मई के बीच 6.45 लाख करोड़ रुपये के कर्ज को मंजूरी दी है। वहीं, इन बैंकों ने आठ मई तक 5.95 लाख करोड़ रुपये के कर्ज को मंजूरी दी थी। ये जानकारी वित मंत्री निर्मला सीतरामण ने मंगलवार को दी।
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वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने एक ट्वीट में कहा है कि एक मार्च से 15 मई के बीच सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों ने 6.45 लाख करोड़ रुपये से अधिक के लोन स्वीकृत किए हैं। इन लोन में 54.96 लाख खाते एमएसएमई, कृषि और खुदरा क्षेत्र के हैं। सीतारमण ने अपने ट्वीट में लिखा है कि लोन देने में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है, क्योंकि आठ मई तक ये आंकड़ा 5.95 लाख करोड़ रुपये था। उन्होंने कहा कि सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों ने 20 मार्च से 15 मई के दौरान आपातकालीन लोनों और कार्यशील पूंजी में वृद्धि के रूप में 1.03 लाख करोड़ रुपये से अधिक की मंजूरी दी है।
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उल्लेखनीय है कि सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों ने लॉकडाउन की घोषणा के तुरंत बाद मार्च के अंतिम हफ्ते में अपने मौजूदा एमएसएमई और कॉर्पोरेट कर्जदारों को धन देने के लिए एक आपातकालीन लोन व्यवस्था शुरू की। इस योजना के तहत बैंक कार्यशील पूंजी सीमा पर आधारित मौजूदा कोष का 10 फीसदी अतिरिक्त कर्ज के रूप में देते हैं, जिसकी सीमा अधिकतम 200 करोड़ रुपये है।
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