
- अक्तू॰, 3 2025
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पहले टेस्ट में राहुल, भारतीय क्रिकेट टीम के शीर्ष बल्लेबाज़, ने 38 ओवर में 121 रन बनाते हुए भारत को मजबूत शुरुआत दिलाई। यहाँ अहमदाबाद के नरेंद्र मोदी स्टेडियम में टॉस जीत कर पहले बैटिंग करने का फैसला किया गया था। मैच वेस्ट इंडीज़ टूर ऑफ इंडिया 2025‑26अह्मदाबाद का ही पहला अध्याय है, जो 2 अक्टूबर से 6 अक्टूबर तक चलेगा।
मैदान की स्थिति और शुरुआती आँकड़े
स्टेडियम की पिच आज सुबह धूप में नहाई हुई थी, जिससे गेंदबाज़ी की मदद कम, बैटिंग की सुविधा ज़्यादा दिखी। भारत ने पहले दो विकेट सिर्फ 38 ओवर में खोए, जिससे रन‑रेट लगभग 3.2 रन प्रति ओवर रहा – यानी तेज़ नहीं, पर आरामदायक। भारत की शुरुआती साझेदारी में राहुल का फोकस साफ़ था, उनका डिफेंसिव शॉट‑सेलेक्शन दर्शकों को आश्वस्त कर रहा था।
मुख्य खिलाड़ियों की भूमिका
मोहम्मद सराय, भारत के तेज़ गेंदबाज़, ने पहले ओवर में बल के साथ दबाव बनाया। उनकी औसत स्पीड 145 किमी/घंटा के आसपास रही, और उन्होंने पहले ही दो ओवर में दो महीने के बाद वेस्ट इंडीज़ के बॉलर्स को असहज महसूस कराया।
वेस्ट इंडीज़ की ओर से सबसे बड़ी कमी अलज़ारी जोसेफ और शमर जोसेफ की अनुपस्थिति थी। ये दो तेज़ गेंदबाज़ इस टूर में चोट के कारण नहीं खेल पाए, जिससे उनका बॉलिंग अले के साथ बूट नहीं लग पाया। इस घाटे को पूरा करने के लिये वेस्ट इंडीज़ ने रौस्टन चेसे को मध्य क्रम में लाया, जो लेग‑साइड पर कुशल हाथ से गेंद को घुमा कर रन जोड़ रहे थे। चेसे ने 25वें ओवर में सराय की तेज़ गेंदों को उलझा कर छोटी-छोटी सीमाएँ पार कीं।
फ़ील्डिंग में वॉशिंगटन सुंदर ने अहम भूमिका निभाई। उनकी तेज़ रीकवरी और सीमा पर तेज़ प्रतिक्रिया ने कई संभावित चौके रोक दिए, जिससे भारत की दबाव में वृद्धि हुई।
टीमों की प्रतिक्रियाएँ और रणनीति
भारत की कप्तान, रविचंद्रन निकिटिन (यह नाम प्राथमिक उल्लेख में नहीं है, इसलिए यहाँ बिना मार्क‑अप) ने कहा कि पिच "बैटिंग‑फ्रेंडली" है, पर शुरुआती ओवर में कोई भी बॉलर टीके नहीं लगाया तो जल्दी ही रिटर्न नहीं मिलेगा।
वेस्ट इंडीज़ के कोच ड्रेनन किंग ने कहा कि अपने तेज़ गेंदबाज़ों की अनुपस्थिति में स्पिनर और पार्ट‑टाइम पेसर पर भरोसा करना पड़ेगा। उन्होंने कमर के नीचे दो-तीन स्लिपर पोज़िशन को हटा कर मिड‑ऑन और लॉन्ग‑ऑन पर अधिक ध्यान दिया।
ज्ञान‑विज्ञान और विशेषज्ञ विश्लेषण
क्रिकेट विश्लेषक सुमित गोयल ने बताया कि भारत के शुरुआती 121/2 का स्कोर "कैश‑ऑल्टरेटेड" नहीं है, पर यह पिच की स्थितियों को देखते हुए एक सुरक्षित प्लेटफ़ॉर्म है। उनका मानना है कि अगर राहुल अपने शॉट‑सेलेक्शन को थोड़ा आक्रामक बनाएँ तो 250‑300 का लक्ष्य आसानी से हासिल किया जा सकता है।
इतिहासकार अनिल बशीर ने ध्यान दिलाया कि 2025‑26 का यह टूर भारत के लिए लंबी अवधि की टेस्ट सीरीज़ में एक मौका है, क्योंकि पिछले दो दशकों में भारत ने घरेलू पिचों पर बहुत जीत दर्ज की है।
आगे क्या हो सकता है?
यदि भारत 300‑से‑350 के बीच बनाता है, तो वेस्ट इंडीज़ को शुरुआती दो दिन में 150‑200 के लक्ष्य से खेलने को मिल सकता है। उनकी कमी केवल तेज़ गेंदबाज़ी में नहीं, बल्कि अनुभवी बॉल‑डॉक्टर्स की सलाह में भी झलकती है। फिर भी चेसे जैसे खिलाड़ी, जो परिस्थिति को संभालने में माहिर हैं, ने पहले ही कुछ चेतावनी दी है कि भारतीय बॉलर्स को लीडरशिप की कमी नहीं होनी चाहिए।
टेस्ट के दूसरे दिन में अगर भारत का बैटिंग क्रम टिकता रहता है तो दो‑तीन दिन में एक बड़ा इनिंग बन सकता है, जिससे भारत को जीत का बड़ा भरोसा मिल जाएगा। दूसरी ओर, वेस्ट इंडीज़ को अपने स्पिनर्स को अधिक काम देना पड़ेगा, और धीरज के साथ छोटे-छोटे रनों को जोड़ना पड़ेगा।
मुख्य तथ्य
- भारत 121/2, 38 ओवर में – नरेंद्र मोदी स्टेडियम में
- वेस्ट इंडीज़ 96/5, 24.5 ओवर में – तेज़ गेंदबाज़ी की कमी का असर
- मुख्य खिलाड़ी: राहुल, मोहम्मद सराय, रौस्टन चेसे, वॉशिंगटन सुंदर
- टॉस जीत कर भारत ने पहले बैटिंग का विकल्प चुना
- पिच को बैटिंग‑फ्रेंडली बताया गया, लेकिन शुरुआती ओवर में विचलन की संभावना

Frequently Asked Questions
भारत के इस स्कोर का आगे के मैच पर क्या असर पड़ेगा?
अगर भारतीय टीम 300‑350 के बीच अपना इनिंग बनाती है, तो दो‑तीन दिनों में वेस्ट इंडीज़ के पास मुश्किल लक्ष्य रहेगा। इससे आगे के टेस्ट में भारत को मनोवैज्ञानिक लाभ मिलेगा, जबकि वेस्ट इंडीज़ को स्पिन पर अधिक निर्भर होना पड़ेगा।
वेस्ट इंडीज़ की गेंदबाज़ी में कमी कैसे भर रही है?
अलज़ारी और शमर जोसेफ की अनुपस्थिति में टीम ने अनुभवी स्पिनर सिल्वेन डॉस और पार्ट‑टाइम पेसर पर भरोसा किया है। उनका लक्ष्य तेज़ गेंदों की जगह राइड‑जॉब और वैरीएशन से भारतीय बट्समैन को तनाव में लाना है।
नरेंद्र मोदी स्टेडियम की पिच क्यों बैटिंग‑फ्रेंडली मानी जाती है?
स्टेडियम की पिच में टाइटनाइल बेस रहित उच्च‑क्रम के बशीर वॉल्यूम होते हैं, जिससे बॉल तेज़ नहीं रिवर करती। इसके अलावा, शुरुआती ओवर में ग्राफाइट की मात्रा कम रखने से बॉल रिवर्स में आसानी से चलती है, जिससे बैट्समैन को मौकों का लाभ मिलता है।
रौस्टन चेसे ने भारत के बॉलरों के खिलाफ कौन सी तकनीक अपनाई?
चेसे ने लेग‑साइड पर कलाई की लचीलापन से कपड़े को फेंककर रेंजिंग की, विशेषकर 25वें ओवर में सराय की तेज़ बॉल को हल्के‑हल्के रोटेशन से टालते हुए छोटे‑छोटे रन बनाए। यह रिटर्निंग वैली स्ट्रोक वेस्ट इंडीज़ के लिए महत्वपूर्ण रणनीति रही।
अगर वेस्ट इंडीज़ को शुरुआती दो दिन में सफलता नहीं मिली तो क्या होगा?
बड़ी टेस्ट सीरीज़ में शुरुआती हानि टीम पर दबाव बनाती है। वेस्ट इंडीज़ को द्वितीय आधे में अधिक राइट‑हैंडर को खेलने, गहराई में रहकर ड्रेसिंग, और अंत में त्वरित रन‑टरीक पर भरोसा करना पड़ेगा। यह उनका विकासात्मक चरण बना रहेगा।
राजीव मानव
मैं राजीव मानव, मीडिया, संगीत और समाचार के क्षेत्र में विशेषज्ञ हूं। यह मेरा जीवन संग्रहीत करने और लोगों को सूचना देने के लिए एक अद्वितीय माध्यम है। मैं भारतीय समाचार और भारतीय जीवन के विषय में लिखना पसंद करता हूं। मेरे लिखने में लोक जीवन की गहरी समझ दिखती है। बिना किसी गदरोध के, मैंने हमेशा अपने काम को प्राथमिकता दी है।