संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) — परीक्षा क्या है और कैसे तैयारी करें

संघ लोक सेवा आयोग यानी UPSC सिविल सर्विसेज की परीक्षा हर साल हजारों उम्मीदवार देते हैं। क्या आप भी UPSC की तैयारी शुरू करने जा रहे हैं? सही योजना और रोज़ाना की आदतें आपको पास करा सकती हैं। यहाँ सीधे और व्यावहारिक तरीके मिलेंगे जो आपको फालतू जवाब देने की बजाय काम करें।

परीक्षा ढांचा और पात्रता

UPSC तीन चरणों में होती है: प्रीलिम्स (Prelims), मेन्स (Mains) और इंटरव्यू/पर्सनैलिटी टेस्ट। प्रीलिम्स में सामान्य अध्ययन और CSAT आते हैं। मेन्स लिखित परीक्षा है जिसमें निबंध, सामान्य अध्ययन के पेपर और आपके चुने हुए ऑप्शनल विषय के पेपर होते हैं। अंतिम चरण इंटरव्यू है। सामान्यतः स्नातक डिग्री रखने वाले भारतीय नागरिक इस परीक्षा के लिए पात्र होते हैं। आयु और प्रयास की संख्या के नियम समय-समय पर बदलते रहते हैं, इसलिए ताज़ा नोटिफिकेशन जरूर देखें।

तैयारी के सीधे काम के टिप्स

सबसे पहले सिलेबस को पढ़ें और उसे छोटे हिस्सों में बांटें। NCERT किताबें बेस ठीक हैं—इतिहास, भूगोल, अर्थशास्त्र की नींव वहीं से बनती है। रोज़ाना हिंदी या अंग्रेज़ी का कोई भरोसेमंद अख़बार पढ़ें और 1–2 पेज अपने शब्दों में नोट करें। नोट्स छोटे, पॉइंट्स वाले और तारीख-वार रखें ताकि रिवीजन आसान रहे।

प्रीलिम्स के लिए क्वांटिटेटिव प्रैक्टिस और रीजनिंग पर ध्यान दें। CSAT में समय प्रबंध बहुत जरूरी है—टाइमर के साथ प्रैक्टिस करें। मेन्स के लिए नियमित उत्तर लेखन करें; 150–250 शब्दों के उत्तरों की आदत बनाएं। हर हफ्ते कम से कम एक पल्प्रैक्टिस सेट और एक पूर्ण मॉक टेस्ट दें।

ऑप्शनल सब्जेक्ट चुनते समय पिछली पेपर पैटर्न, आपकी रुचि और उपलब्ध समय देखें। जो विषय आपको पढ़ने में सहज लगे और जिसमें सार्थक मार्किंग हो, वही चुने।

मॉक टेस्ट और फीडबैक से आप अपनी कमजोरियों को समझ पाएँगे। केवल कोचिंग पर भरोसा मत करें—ऑनलाइन रिव्यू और पुराने प्रश्नपत्र खुद हल करें। समय-समय पर अपने नोट्स को छोटा कर के याद रखें।

स्वास्थ्य का ध्यान रखें: नींद, हल्का व्यायाम और संतुलित खाना जरूरी है। तनाव कम करने के लिए छोटे ब्रेक, ध्यान या चलना मदद करता है।

आम गलतियाँ जिन्हें बचना चाहिए: शुरू में बहुत सारे किताबें खरीद लेना, नोट्स नहीं बनाना, निरंतर रिवीजन न करना और अभ्यास टेस्ट से बचना। ये छोटी-छोटी आदतें आपकी प्रगति धीमी कर देती हैं।

यदि आपके पास सीमित समय है तो रोज़ 4–6 घंटे फोकस्ड स्टडी, मॉक और नोट मेकिंग पर लगाएँ। फुल-टाइम तैयारी वालों के लिए 8–10 घंटे में क्वालिटी ज़्यादा मायने रखती है।

अगर आप सटीक मार्गदर्शन चाहते हैं तो एक सरल प्लान बनाइए: सिलेबस पढ़ो, हर महीने लक्ष्य तय करो, हर हफ्ते मॉक टेस्ट और हर महीने रिवीजन। छोटे लक्ष्यों से बड़े लक्ष्य आसान लगते हैं।

अब आप क्या करेंगे? अपनी कमजोरियों की सूची बनाइए और आज से छोटे लक्ष्य तय कर के काम शुरू कीजिए। लगातार मेहनत और सही तरीका ही UPSC को पार कराता है।

क्या भारत में एक से अधिक सुप्रीम कोर्ट हो सकते हैं?

क्या भारत में एक से अधिक सुप्रीम कोर्ट हो सकते हैं?

  • जन॰, 27 2023
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भारत में एक से अधिक सुप्रीम कोर्ट्स हो सकते हैं। भारतीय संविधान के अनुसार, देश में तीन सुप्रीम कोर्ट हो सकते हैं। ये कोर्ट नियंत्रित किए जाने वाले भारतीय संविधान और संघ लोक सेवा आयोग द्वारा होते हैं। भारत में सुप्रीम कोर्ट की संख्या बढ़ाने के लिए, संसद को संविधान को संशोधित करने की आवश्यकता है।