बच्चों के ज्वलंत मुद्दों पर राष्ट्रीय वेबिनार का आयोजन

दिल्ली NCR

 

नई दिल्ली : [टाईम फॉर न्यूज़ – सहायक संपादक गौरव तिवारी ] कानूनी जन जागरूकता अभियान के अंतर्गत भागीदारी जन सहयोग समिति के द्वारा राष्ट्रीय वेबिनार ” बच्चों के खिलाफ शोषण एवं हिंसा से बचाव ” विषय पर आयोजित किया गया। कार्यक्रम में मदरलैंड वौइस् , ओपू आमा सोसाइटी , समाधान अभियान एवं डिविनिटी हील्स सहयोगी आयोजक थे दिल्ली, राज्य विधिक सेवाएं प्राधिकरण, अरुणाचल प्रदेश राज्य विधिक सेवाएं प्राधिकरण,मणिपुर राज्य विधिक प्राधिकरण सेवाएं एवं नागालैंड राज्य विधिक सेवाएं प्राधिकरण मुख्य भागीदारी के साथ जुड़कर इस जन जागरण प्रयास के सशक्त माध्यम बने।
कार्यक्रम के मुख्य संयोजक एवं महासचिव भागीदारी जन सहयोग समिति ने वेबिनार विषय पर प्रकाश डालते हुए कहा कि बच्चो की गरिमा एवं सम्मान के प्रति जागरूक रहना प्रत्येक नागरिक का कर्तव्य है विद्यालय में बच्चों को शारीरिक दंड देना , घर पर बच्चों से मारपीट जैसी घटनाएं आम हो गयी है दिल्ली जैसी राजधानी में भी बच्चों पर यौन शोषण के ऐसे मामले आये है जिसे सुनकर रोंगटे खड़े हो जाते है उन्होंने कहा कि वेबिनार का विषय सचमुच संवेदनशील है।

प्रथम सत्र में अपने स्वागत भाषण में मदरलैंड वौइस् समाचार पत्र के सम्पादक संजय उपाधयाय ने बच्चों के प्रति हिंसा को निंदनीय बताते हुए कानूनों को प्रभावी बनाने की आवश्यकता पर बल दिया तथा सभी अतिथि वक्ताओं , सहयोगी आयोजकों एवं देश भर से 6000 से अधिक जुड़े लोगो का ह्रदय से स्वागत किया मुख्य अतिथि जी० गोलमयी-अति0 एवं सत्र न्यायाधीश एवं सदस्य सचिव मणिपुर राज्य विधिक सेवाएं प्राधिकरण ने कहा कि बच्चे राष्ट्रीय धरोहर हैं बच्चे के प्रति हिंसा रोकथाम के लिए सरकार द्वारा बनाए गए अधिनियम पर जागरूकता कि आवश्यकता है मणिपुर के संदर्भ में उल्लेख करते हुए कहा कि राष्ट्रीय आंकड़ों के मुकाबले मणिपुर में बच्चों के प्रति हिंसा के मामले कम है।
भातीय प्रशासनिक सेवा अधिकारी निहारिका राय सचिव (शिक्षा व महिला एवं बाल विभाग ) अरुणाचल प्रदेश द्वारा अरुणाचल प्रदेश में विभाग द्वारा नागरिक एवं जनजातियों के बाल विकास में बनाई गई योजनाओं की चर्चा की तथा बच्चों के व्यवहार में रचनात्मक परिवर्तन के लिए सामाजिक स्वैच्छिक संस्था “नव चेतना एवं प्लान” के सामुदायिक स्तर पर किए जा रहे महत्वपूर्ण कार्यों की चर्चा का उल्लेख करते हुए बताया कि प्रदेश में बाल श्रम में बाहरी राज्यों के बच्चे अधिक है सामाजिक संस्था “समाधान अभियान” की डायरेक्टर श्रीमती अर्चना अग्निहोत्री ने बाल संरक्षण के लिए संस्था द्वारा निर्मित ऐप “मेरी आवाज “का विस्तृत विवरण दिया ताकि बाल अपराध की रोकथाम में बच्चे व नागरिक प्रयोग कर सकें उन्होंने बताया कि कैसे ऐप के माध्यम से तुरंत घटना के सूचना सभी सम्बन्धित विभागों को पहुँचती है उन्होंने बताया के फिलहाल ऐप दिल्ली में प्रभावी है किन्तु आगामी समय में ऐसे देश भर से जोड़ने का प्रयास किया जा रहा है

उन्होंने सम्बद्ध सकारी विभागों एवं कॉर्पोरेट सेक्टर से ऐप को और प्रभावी बनाने में सहयोग की अपील की ताकि देश भर के बच्चों को सुरक्षित करने का यह ऐप एक अच्छा माध्यम सिद्ध हो सके डिविनिटी हील्स आर्गेनाईजेशन की फाउंडर डायरेक्टर मनीषा चोपड़ा ने इस सत्र के सभी अतिथियों का आभार व्यक्त किया।
तकनीकी सत्र के स्वागत भाषण में प्रोफेसर साकेत कुशवाहा, उपकुलपति,राजीव गांधी विश्वविद्यालय, अरुणाचल प्रदेश ने साफ शब्दों में अपना असंतोष व्यक्त करते हुए कहा कि बाल शोषण को रोकने के प्रयास सरकार एवं समाज दोनों की ओर से आज भी बहुत कम है उन्होंने कहा कि मामला संवेदनशील है जिसमें सभी की सम्मिलित भागीदारी अत्यंत आवश्यक है अपने उद्घाटन भाषण में पूर्व अध्यक्ष राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग भारत सरकार एवं स्वामी विवेकानंद सुभारती यूनिवर्सिटी की चांसलर स्तुति नारायण कक्कड़ ने अपने सहयोग के आश्वासन के साथ प्रोफेसर साकेत से यूनिवर्सिटी में चाइल्ड वेलफेयर सेंटर खोलने का आग्रह किया उन्होंने कहा कि बच्चे के साथ यौन शोषण से उसका सारा जीवन अंधकार पूर्ण हो जाता है ऐसी घटना किसी सदमे से कम नहीं दुखद बात यह है कि यौन शोषण के मामलों में अधिकांश उनके समीप रिश्तेदार होते है जिस कारण बच्चे उनपर जल्दी भरोसा कर लेते है।
अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश नम्रता अग्रवाल अति0 सचिव दिल्ली राज्य विधिक सेवाएं प्राधिकरण ने बच्चों एवं महिलाओं को दी जाने वाली कानूनी सहायता एवं कानूनी जन जागरूकता के प्रति प्राधिकरण की कटिबद्धता का उल्लेख करते हुए “परियोजना उड़ान” एवं बच्चों के अधिकारों के संरक्षण हेतु “वेबसाइट संपर्क एवं कानूनी सहायता के लिए फोन नंबर1516” महत्व कार्यों की योजना पर प्रकाश डाला न्यायाधीश नम्रता ने राजधानी दिल्ली में मादक पदार्थ सेवन से प्रभावित सुल्तानपुरी मैं बच्चों एवं युवाओं को इस बुरी लत को छुड़वाने के अभियान में आशातीत सफतलता में पैरा लीगल वालंटियर एवं जन सहयोग की भागीदारी का उल्लेख किया।
डॉ० राजेंद्र धर सलाहकर श्रम मंत्रालय भारत सरकार एवं संरक्षक भागीदारी जन सहयोग समिति द्वारा सरकारी स्तर पर बाल श्रम में पाए गए बच्चों को 18 वर्ष तक सरकारी संरक्षण में उसके भविष्य को संवारने की दिशा में कार्य करने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने बाल अपराध रोकने के लिए संरचनात्मक रूप से की परिवर्तन किए जाने की बात कही ताकि बच्चे अच्छे नागरिक बनकर राष्ट्र के विकास में सहायक कर सके। उन्होंने सच का आइना दिखाते हुए बताये कि किस तरह अभिभावक अपने निजी स्वार्थ के लिए पहले अपने बच्चों को बाल श्रम की ओर धकेलते है और फिर खुद शिकायत करके नियोक्ता एवं सरकार से पैसा लेकर अपने बच्चों के जीवन का सौदा करते है आवश्यकता ऐसे बच्चो के पुनर्वास की है जिसपर अभी पर्याप्त काम नहीं हो रहा।
तकनीकी सत्र की मुख्य अतिथि जिला एवं सत्र न्यायाधीश जावेप्लु चाय – सदस्य सचिव अरुणाचल राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण ने ऐसे कार्यक्रमों के आयोजन को आज की आवश्यकता है। उन्होंने समाधान अभियान के ऐप की उपयोगिता की प्रशंशा की उन्होंने कानूनी जागरूकता अभियान में जनता से  सहयोग की अपील की।
इस अवसर पर स्वामी विवेकानंद सुभारती यूनिवर्सिटी उत्तर प्रदेश की डीन प्रोफेसर ज्योति गौड़ एवं स्मृति खोसला एसोसिएट प्रोफेसर डी० ए० वी० यूनिवर्सिटी पंजाब ने भी अपने विचार व्यक्त किये।
धन्यवाद प्रस्ताव में भारत भूषण उपाध्यक्ष भागीदारी जन सहयोग समिति ने आयोजन टीम सदस्य दिल्ली विश्वविद्यालय, चिकारा विश्वविद्यालय हिमाचल प्रदेश, डी०ए०वी यूनिवर्सिटी पंजाब, गुरु गोविंद सिंह इंद्रप्रस्थ विश्वविद्यालय दिल्ली , भगत फूल सिंह महिला विश्वविद्यालय हरियाणा, जे०पी०बोस यूनिवर्सिटी ऑफ साइंस हरयाणा , राजीव गांधी विश्वविद्यालय अरुणाचल प्रदेश की राष्ट्रीय सेवा योजना इकाइयों एवं आर्ट्स एंड सोशल साइंसेज स्वामी विवकानंद सुभारती यूनिवर्सिटी तथा जिला राष्ट्रीय योजना इकाई शिक्षा विभाग काँगड़ा के उल्लेखीय योगदान के लिए आभार व्यक्त करते हुए कार्यक्रम सफलता में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका बताई उन्होंने रोसी तांबा सदस्य राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग भारत सरकार को इस कार्यक्रम की प्रेरणा स्त्रोत भी बताया।

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