न्यूज़ पक्षपात: पहचानें, समझें और सुरक्षित रहें

हर खबर सच नहीं होती। कुछ खबरें इरादतन झुकाव दिखाती हैं — किसी की छवि चमकाने या गाली देने के लिए शब्द, तस्वीर और संख्या चुनी जाती है। इसी टैग पर आपको ऐसे लेख मिलेंगे जो मीडिया के झुकाव और उसकी वजहों पर बात करते हैं, जैसे "भारतीय समाचार चैनल इतने लापरवाह और चिढ़ाचिढ़ा क्यों होते हैं?" और "कौनसा भारतीय समाचारपत्र सामान्य रूप से न्यूट्रल है?"। ये उदाहरण बताते हैं कि किस तरह रिपोर्टिंग का टोन और फोकस पढ़ने वालों की सोच बदल सकता है।

कैसे पहचानें कि खबर पक्षपाती है?

खबर पढ़ते समय सीधा-सीधा सवाल पूछें: हेडलाइन क्या दाँव लगाती है? क्या आर्टिकल में कुछ ही स्रोत दिए गए हैं? क्या भावुक भाषा, बहुत बड़ी तस्वीरें या आरोपी-रोमांटिक शब्द ज्यादा हैं? छोटे-छोटे संकेत, जैसे बिना नाम के सूत्र, एकतरफा उद्धरण, और आँकड़ों का स्पष्ट संदर्भ न होना, सभी तरफ़दारी के संकेत हैं।

उदाहरण के तौर पर, पेगासस जैसे संवेदनशील मुद्दों पर केंद्रित लेखों में देखें कि क्या केवल एक ही तरह का नजरिया पेश किया गया है या दोनों पक्षों की बात है। ट्रैफिक हादसे जैसी खबरों में, क्या रिपोर्टिंग अनुमान और भावनाओं पर ज्यादा टिकी है या तथ्यात्मक विवरण पर?

फौरन अपनाने लायक व्यवहार

ये छोटे-छोटे कदम रोज़मर्रा की खबरों में आपको बचाएंगे:

1) हेडलाइन और कंटेंट को अलग-अलग जाँचें। कई बार हेडलाइन स्पिन कर देती है; अंदर पढ़ने पर चीजें अलग होती हैं।

2) कम से कम दो स्वतंत्र स्रोत देखें। एक ही चैनल या वेबसाइट पर भरोसा मत कीजिये।

3) स्रोतों की पहचान करें — क्या वे सरकार, पार्टियाँ या कंपनी-स्वामित्व वाले हैं?

4) आँकड़े और तारीखें चेक करें। पुरानी रिपोर्ट को नया बताकर फैलाया जाता है।

5) भाषा पर ध्यान दें: ऊँची-उम्मीद/नकारात्मक शब्द जाँच का कारण होते हैं।

6) तस्वीरें और कैप्शन जाँचें — कई बार इमेज का संदर्भ बदल दिया जाता है।

7) अगर कोई दावे पर आधारित है तो मूल दस्तावेज़, रिपोर्ट या कोर्ट-आदेश ढूँढें।

8) सोशल मीडिया पर शेयर किए जा रहे स्क्रीनशॉट्स की प्रमाणिकता सुलझाएं—कई बार एडिट किए गए स्क्रिनशॉट भ्रम फैलाते हैं।

यह टैग उन पाठकों के लिए है जो खबरों को साधारण तरीके से consume नहीं करना चाहते। यहां आप पढ़ेंगे कि किस तरह मीडिया कभी जानबूझकर सेंसेशन बनाता है, कब रिपोर्टिंग लापरवाही दिखाती है, और कैसे न्युट्रल स्रोत पहचानें। अगर आप किसी खबर के बारे में शंका रखते हैं, तो इन टिप्स को आजमाइए—यह समय बचाएगा और सही जानकारी तक पहुंचाएगा।

क्या इंडिया टुडे न्यूज़ पक्षपाती है या निष्पक्ष?

क्या इंडिया टुडे न्यूज़ पक्षपाती है या निष्पक्ष?

  • जुल॰, 20 2023
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मेरे ब्लॉग में मैंने इंडिया टुडे के न्यूज़ की पक्षपाति स्थिति पर चर्चा की है। कई लोग मानते हैं कि इंडिया टुडे अपनी खबरों में पक्षपात करता है, जबकि कुछ लोग इसे निष्पक्ष समाचार संस्था मानते हैं। मैंने अपने ब्लॉग में इंडिया टुडे के कुछ विवादित कवरेज के उदाहरण दिए हैं और यहां तक कि कुछ निष्पक्ष रिपोर्टिंग के उदाहरण भी दिए हैं। अंत में, मैंने यह स्पष्ट किया है कि पाठकों को स्वयं निर्णय लेना चाहिए कि वे इंडिया टुडे को पक्षपाती मानते हैं या निष्पक्ष।